Dimple- Akhilesh Love Story: रील लाइफ से कम नहीं है डिंपल- अखिलेश की रियल लाइफ प्रेम कहानी
Dimple- Akhilesh Love Story मैनपुरी उपचुनाव 2022 में सपा प्रत्याशी हैं डिंपल यादव। 24 नवंबर को है डिंपल और अखिलेश यादव की वैवाहिक वर्षगांठ। कॉमन दोस्त के घर हुयी थी दोनों की पहली मुलाकात। सिडनी जाने के बाद भी खतों से रहा था दोनों का संबंध।

आगरा, तनु गुप्ता। प्रेम...जब होता है तो न जाति देखता है और न ही कुनबा। ये तो बस हो ही जाता है। फिर चाहे दूरियां आएं दरमियान या आए घरवालों की नाराजगी। रील लाइफ से कम रोचक नहीं है सपा प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) और डिंपल यादव (Dimple Yadav) की प्रेम कहानी। चार साल की दूरी, परिवार का विरोध, लेकिन बावजूद इसके इस जोड़ी ने हर बाधा को पार किया और आज जीवनसाथी के साथ-साथ राजनीति की डगर के भी साथी बन चुके हैं।
मैनपुरी लोकसभा सीट (Mainpuri By Poll 2022) पर अपने श्वसुर मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) के निधन के बाद राजनीति के मैदान में उतरी डिंपल यादव का साथ हर कदम पर अखिलेश यादव दे रहे हैं। यदि राजनीतिक उद्देश्य को दरकिनार कर दिया जाए तो ये जोड़ी जीवन की हर डगर पर एक-दूसरे का साथ हमेशा से देती रही है। फिर चाहे वो अखिलेश का विदेश जाकर शिक्षा ग्रहण करने का दौर रहा हो या फिर परिवार को विवाह के लिए राजी करना या फिर अखिलेश का राजनीति के मैदान में उतरना। दोनों ने एक-दूसरे का साथ हमेशा से दिया है।
वो पहली बार जब अखिलेश- डिंपल मिले
दो बार मुख्यमंत्री के पद पर काबिज रह चुके अखिलेश यादव मुलायम सिंह यादव के बड़े बेटे हैं, जबकि डिंपल उत्तराखंड के लेफ्टिनेंट कर्नल एससी रावत की बेटी हैं। अखिलेश ने राजस्थान मिलिट्री स्कूल धौलपुर से प्राथमिक शिक्षा प्राप्त की है। मैसूर के एसजे कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से स्नातक किया है और उसके बाद वो आगे की पढ़ाई के लिए ऑस्ट्रेलिया चले गए, जहां उन्होंने सिडनी विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर की डिग्री हासिल की। डिंपल और अखिलेश की पहली मुलाकाम उनके एक दोस्त के घर पर हुयी थी। उस वक्त डिंपल 17 की थीं और अखिलेश 21 के। मुलाकात में जान पहचान हुयी और फिर दोस्ती और शुरू हो गयी प्रेम कहानी। दरअसल अखिलेश उस वक्त इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे थे।
किताब में लिखा है अखिलेश- डिंपल का प्यारभरा सफर
वरिष्ठ पत्रकार सुनीता एरन ने अखिलेश यादव की जिंदगी पर एक किताब लिखी है। जिसका नाम अखिलेश यादव-बदलाव की लहर है। इस किताब में उन्होंने अखिलेश की निजी जिंदगी से जुड़ी कई अहम बातें भी बताई हैं। किताब के मुताबिक, अखिलेश और डिंपल दोस्त से मिलने का बहाना बनाकर एक-दूसरे से छुप-छुपकर मिलते थे।
खतों से चला चार साल तक लॉन्ग डिस्टेंस का रिश्ता
सिडनी जाने के बाद भी अखिलेश और डिंपल लगातार संपर्क में रहे। अखिलेश डिंपल को गुलाबी खतों में प्रेम के पैगाम लिखते थे। खतों से ये प्रेम कहानी चार साल तक चलती रही। जब अखिलेश अपनी पढ़ाई पूरी कर वापस लौटे तो उनके मन में डिंपल को अपनी दुल्हनियां बनाने का पक्का इरादा बन चुका था, लेकिन जैसे हर लव स्टोरी में बाधा होती है तो दोनों के घरवाले इस रिश्ते के लिए राजी नहीं हुए। मुलायम सिंह यादव और डिंपल के घरवाले इस रिश्ते का विरोध करने लगे। लेकिन अखिलेश ने सबसे पहले अपनी दादी को राजी किया। इसके बाद उनकी जिद को पिता ने भी मान लिया। उधर डिंपल ने भी अपने घरवालों को राजी कर लिया। इस तरह परिवार की रजामंदी के साथ दोनों 24 नवंबर 1999 को वैवाहिक बंधन में बंध गए। तीन दिन बाद दोनों की वैवाहिक जीवन के 24 वें वर्ष में प्रवेश करने वाले हैं।
प्रेम की बगिया में खिले हैं तीन फूल
अखिलेश यादव और डिंपल के तीन बच्चे हैं, जिनके नाम अदिति, टीना और अर्जुन हैं। इसमें टीना और अर्जुन जुड़वा हैं।
राजनीति के सफर में डिंपल हैं हमकदम
अखिलेश और डिंपल जितने गृहस्थ जीवन में एक-दूसरे का साथ देते हैं उतना ही साथ राजनीति के सफर में भी देते रहे हैं। शादी के बाद डिंपल भी अपने पति के साथ राजनीति के मैदान में उतरीं। जीत और हार का दौर पार करते हैं कन्नौज से लगातार दो बार सांसद रह चुकी हैं। वहीं, अब श्वसुर की विरासत संभालने के लिए कदम बढ़ रही हैं। मुलायम सिंह के निधन के बाद खाली हुयी मैनपुरी सीट पर सपा ने उन्हें अपना प्रत्याशी बनाया है। परिवार की इस विरासत को संभालने के लिए डिंपल पूरे दमखम के साथ प्रचार प्रसार में जुटी हैं। वहीं, उनका साथ पति सहित पूरा यादव परिवार दे रहा है।
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